बहोत रोका तुझे क्यूँ न माना मुझे क्यूँ न जाना मुझे साथी रे... बहोत रोका तुझे क्यूँ न माना मुझे क्यूँ न जाना मुझे साथी रे...
मेरा चाँद तो मेरे पास बैठता है। मेरा चाँद तो मेरे पास बैठता है।
काश फुरसत से अगर तुझे चाहा होता काश फुरसत से अगर तुझे चाहा होता
लबों से तो कुछ ना कहूं, नज़रों से हर वो बात हो। लबों से तो कुछ ना कहूं, नज़रों से हर वो बात हो।
आ तो जाती आ तो जाती
तेरे दर्द को है अपनाया दिल से तुझे चाहा हमने, तेरी आँखों को सज़दे है किये तेरी ज़ुल्फ़ तेरे दर्द को है अपनाया दिल से तुझे चाहा हमने, तेरी आँखों को सज़दे है किये ...